“Live Wire Art, हावड़ा की सबसे बेहतरीन आर्ट गैलरी में से एक है। तांबे के तार से बनी अपनी अनूठी कृतियों के लिए मशहूर। पेंसिल, यंत्र, गोंद या ब्रश जैसे पारंपरिक औजारों की मदद के बिना, कलाकार सिर्फ़ कैंची और चिमटी का इस्तेमाल करके तार को काटते और आकार देते हैं। कलाकृति का हर टुकड़ा सावधानीपूर्वक हाथ से बनाया गया है, जिसमें तार को सादे माउंट पेपर पर नाजुक ढंग से लगाया और ढाला गया है। विशेष रूप से, कलाकार के हस्ताक्षर में एक विशिष्ट स्पर्श शामिल है, क्योंकि "i" और "j" अक्षरों पर डॉट्स भी तांबे के तार से सावधानीपूर्वक तैयार किए गए हैं। Live Wire Art के पीछे दूरदर्शी संजय कुमार भरतिया का जन्म 9 सितंबर, 1954 को झारखंड के साहिबगंज के सुंदर परिदृश्यों के बीच हुआ था। कम उम्र से ही, उनके आध्यात्मिक झुकाव और रहस्यवाद के प्रति आकर्षण ने उन्हें ग्रामीण इलाकों की खोज करने के लिए प्रेरित किया। अपने कलात्मक जुनून से प्रेरित होकर, भरतिया ने प्रयोग की यात्रा शुरू की, जिसमें विभिन्न गेज और रंगों के तांबे के तारों का उपयोग करके देवी-देवताओं को उनके सहज रूपों में चित्रित किया गया। अपने अभिनव दृष्टिकोण के माध्यम से, Live Wire Art रचनात्मकता और शिल्प कौशल के एक आकर्षक संलयन के रूप में उभरता है, जो कलाकार के धर्म और रहस्यवाद के साथ गहरे संबंध को प्रदर्शित करता है।
अद्वितीय तथ्य:
• संग्रह की विविधता
• अनूठी कलाएँ।”
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