विशेषता:
“शीतला माता मंदिर की स्थापना 18वीं शताब्दी में हिंदू जाट राजा जवाहर सिंह ने की थी। मंदिर में नवरात्रि के दौरान कई तरह के उत्सव मनाए जाते हैं, जो भक्तों और आगंतुकों को आकर्षित करते हैं। यह मंदिर गुरु द्रोणाचार्य की पत्नी कृपापाई ललिता को समर्पित है, जो भारतीय महाकाव्य महाभारत के अनुसार पांडवों और कौरवों की गुरु भी थीं। मंदिर में विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मंदिर के कर्मचारी अपने आगंतुकों को विश्वसनीय और चौकस सेवाएँ प्रदान करने के लिए समर्पित हैं। शीतला माता मंदिर भक्तों को ध्यान और प्रार्थना में लीन होने के लिए एक गर्मजोशी भरा और स्वागतपूर्ण वातावरण प्रदान करता है।”
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