विशेषता:
“UMAID Art Gallery की स्थापना लाल सिंह भाटी ने की थी, जो एक दूरदर्शी कलाकार थे और जिन्होंने एक ऐसे स्थान की आवश्यकता को पहचाना जहाँ कला और विरासत का एक साथ मिलन हो सके। वे मुनब्बतकारी में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, जो एक नाज़ुक कला है जिसमें चमड़े पर सोने की परत चढ़ाकर अद्भुत कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। उनकी उल्लेखनीय प्रतिभा और समर्पण ने उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए हैं, जिनमें राष्ट्रीय पुरस्कार (1987), राज्य पुरस्कार (1988), कलमनी पुरस्कार (1990 और 1992), जिला पुरस्कार (1990), और UNESCO ~ CCI 2004 उत्कृष्टता की मुहर शामिल हैं। मुनब्बतकारी, एक ऐसा शिल्प जो लंबे समय से भारत के समृद्ध इतिहास और परंपरा से जुड़ा हुआ है, न केवल उल्लेखनीय शिल्प कौशल की मांग करता है, बल्कि राष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत की गहरी समझ और प्रशंसा की भी मांग करता है।”
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