विशेषता:
“Maulana Azad Central Library 20वीं सदी के आरंभ में निर्मित एक उत्कृष्ट वास्तुशिल्प कृति है। इस पुस्तकालय का निर्माण मूल रूप से भोपाल की सुल्तान जहाँ बेगम ने 1908 में एक संग्रहालय के रूप में किया था। इस पुस्तकालय में हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, संस्कृत और फ़ारसी सहित कई भाषाओं में 1,00,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह है, और प्राचीन एवं पुरानी पुस्तकों का एक अनूठा संग्रह प्रस्तुत करता है। इस पुस्तकालय में दुर्लभ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट और केस स्टडी भी हैं। Maulana Azad Central Library प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है और IAS अधिकारियों और पूर्व अधिकारियों के साथ सेमिनार और संवादात्मक सत्र आयोजित करता है। इस पुस्तकालय के 10,000 से अधिक सदस्य हैं और यह 5.33 एकड़ में फैला है जिसमें एक पुराना भवन, एक सेमिनार हॉल, एक वाचनालय, दो अतिरिक्त हॉल और एक खेल का मैदान है। Maulana Azad Central Library को RFID प्रणाली के साथ डिजिटल कर दिया गया है, जिससे सदस्य आसानी से पुस्तकें जारी और वापस कर सकते हैं। यह पुस्तकालय जैव विविधता से समृद्ध क्षेत्र बन गया है, जहाँ देशी पेड़-पौधे विभिन्न पशु प्रजातियों का पोषण करते हैं।”
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