विशेषता:
“The National Library का इतिहास 100 वर्षों से भी अधिक पुराना है और यह कई भाषाओं में पुस्तकों के सबसे बड़े प्रकाशकों में से एक बन गया है, जिसमें 2.2 मिलियन पुस्तकों का व्यापक संग्रह है। पुस्तकालय लगभग 130 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लगभग 200,000 खंड और 500,000 प्राचीन पांडुलिपियाँ हैं। हर साल, 18,000 से अधिक आगंतुक पुस्तकों, पत्रिकाओं और जर्नलों के अपने विशाल संग्रह से लाभान्वित होते हैं, जो शोधकर्ताओं, विद्वानों और सामान्य पाठकों की ज़रूरतों को पूरा करते हैं। पुस्तकालय में लगभग सभी भारतीय भाषाओं में पुस्तकें, पत्रिकाएँ और शीर्षक संग्रहित हैं, जबकि भारतीय राष्ट्रीय पुस्तकालय के विशेष संग्रह में कम से कम पंद्रह भाषाओं में काम किया जाता है। हिंदी विभाग में उन्नीसवीं सदी से पहले की किताबें हैं और उस भाषा में छपी पहली रचनाएँ हैं। संग्रह में 86,000 मानचित्र और 3,200 पांडुलिपियाँ शामिल हैं। The National Library में असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू जैसी भारतीय भाषाओं के लिए भी समर्पित अनुभाग हैं।”
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