विशेषता:
“Khuda Bakhsh Oriental Public Library की स्थापना खान बहादुर खुदा बख्श ने 4,000 पांडुलिपियों के साथ की थी, जिसमें 1,400 उनके पिता मौलवी मोहम्मद बख्श से विरासत में मिली थीं। इस लाइब्रेरी में महाराजा रणजीत सिंह के सैन्य खातों की पुस्तक भी है, साथ ही मुगल चित्रकला, सुलेख और पुस्तक सजावट के नमूने भी हैं। इस लाइब्रेरी में अरबी, फ़ारसी, उर्दू, तुर्की और पश्तो में कुल 21,136 पांडुलिपियाँ हैं; यह लाइब्रेरी इन भाषाओं के विद्वानों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इस लाइब्रेरी में सहीह अल-बुखारी की एक पांडुलिपि है, जिसे शेख मुहम्मद इब्न यज़दान बख्श बंगाली ने पूर्वी बंगाल के एकदला में हाथ से लिखा था और बंगाल के सुल्तान अलाउद्दीन हुसैन शाह को उपहार में दिया था। इस लाइब्रेरी के संग्रह में 800 सिक्के, 2,195 माइक्रोफ़िल्म और 14,000 छोटी पांडुलिपियाँ शामिल हैं, जो इसे शोधकर्ताओं और इतिहास के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक मूल्यवान संसाधन बनाती हैं। उनके वाचनालय में अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है। Khuda Bakhsh Oriental Public Library शोधकर्ताओं को अनुरोध पर माइक्रोफिल्म प्रिंटआउट तक पहुंच भी प्रदान करती है। लाइब्रेरी अब उन लोगों के लिए फैक्स, फोन और ईमेल के माध्यम से संदर्भ सहायता प्रदान करती है जो व्यक्तिगत रूप से नहीं आ सकते हैं।”
और पढ़ें