“Mahant Ghasidas Memorial Museum, रायपुर के शीर्ष संग्रहालयों में से एक है। संग्रहालय का निर्माण 1875 में राजा घासीदास ने करवाया था। Mahant Ghasidas Memorial Museum राजधानी रायपुर में राजभवन रोड पर स्थित है। मूल रूप से दो मंजिला इमारत, इसका जीर्णोद्धार 1953 में रानी ज्योति देवी और उनके बेटे दिग्विजय दास ने करवाया था। जीवंत मूर्तियों और मनमोहक उद्यानों से सुसज्जित, संग्रहालय में मिट्टी के बर्तन और मूर्तियों जैसे मानवशास्त्रीय और प्राकृतिक इतिहास की कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं। इस अनूठे संग्रह में हथियार, दुर्लभ सिक्के, शिलालेख, पेंटिंग और मूर्तियों का एक प्रभावशाली संग्रह भी है, साथ ही इसकी कला गैलरी भी इसके आकर्षण को बढ़ाती है। प्राचीन सिक्कों, हथियार, मूर्तियों, शिलालेखों, नक्काशी और बस्तर जैसे स्थानीय जनजातियों द्वारा उपयोग की जाने वाली कलाकृतियों सहित पुरावशेषों का एक विस्तृत संग्रह। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में एक प्राकृतिक इतिहास और लोक कला अनुभाग भी है जहाँ कारीगरों और आम जनता के लिए नियमित कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं। उल्लेखनीय कलाकृतियों में नलवंशी और शरभुपरी शासकों के सिक्के, शिलालेख और तांबे की गाड़ियाँ, क्षतिग्रस्त मुद्राएँ और सिरपुर और सिसदेवरी के कलचुरियन राजाओं के अभिलेख शामिल हैं। यात्री संग्रहालय तक पहुँचने के लिए आसानी से ऑटो-रिक्शा ढूँढ सकते हैं या ओला और उबर जैसे लोकप्रिय ऐप का उपयोग करके कैब बुक कर सकते हैं।
अद्वितीय तथ्य:
• प्राचीन मूर्तियाँ
• प्रागैतिहासिक पत्थर के औजार
• सुविधा अच्छी तरह से बनाए रखी गई और साफ है।”
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