हमारे विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
Sarnath Museum भारत का सबसे पुराना संग्रहालय है, जिसका संचालन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है। ऋषिपतन के नाम से प्रसिद्ध यह वह स्थान है जहाँ पाँच सौ प्रत्यक्ष बुद्धों से संबंधित सामग्री मिली थी। प्राचीन बौद्ध साहित्य में, इस स्थल को ऋषिपतन मिरगदव या मिरगदया के नाम से जाना जाता है। संग्रहालय में पाँच दीर्घाएँ और दो बरामदे हैं, जिनमें सारनाथ में पाई गई कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं, जो तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से बारहवीं शताब्दी ईस्वी तक की हैं। 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रवेश निःशुल्क है, और गाइड सेवाएँ उपलब्ध हैं। गाइड सेवाएँ उपलब्ध हैं, और विकलांग व्यक्तियों के लिए अलग शौचालय सुविधाएँ हैं। Sarnath Museum ऐतिहासिक रूप से उस स्थान के रूप में महत्वपूर्ण है जहाँ भिक्षुओं (संघ) के एक नए आदेश और एक नए धार्मिक सिद्धांत (धम्म) की नींव रखी गई थी।
वाराणसी में सर्वश्रेष्ठ 3 संग्रहालय
विशेषज्ञ ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश में 3 सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय का सिफारिश की हैं । वास्तव में, हमारे सभी संग्रहालय को 50-अंक निरीक्षण से गुज़रना पड़ता है, जिनमें ग्राहक की समीक्षाएं, इतिहास, शिकायतें, रेटिंग, संतुष्टि हैं।
हमारे विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
Ramnagar Fort Museum, जिसे महाराजा बनारस विद्या मंदिर ट्रस्ट संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है, 17वीं शताब्दी का एक किला और महल है। संग्रहालय में पाँच दीर्घाएँ हैं, जिनमें पुराने वाहनों और पालकियों का संग्रह है, उसके बाद एक कपड़ा गैलरी है। दुर्गा मंदिर और छिन्नमस्तिका मंदिर भी रामनगर में स्थित हैं। किला क्षेत्र सूर्यास्त के समय विशेष रूप से सुंदर होता है, और संग्रहालय में आकर्षक प्रदर्शनियाँ हैं, साथ ही नदी पर सूर्यास्त देखने के लिए एक सुंदर स्थान भी है। किले और संग्रहालय की खोज करने से वाराणसी की जीवंत परंपराओं और रीति-रिवाजों का पता चलता है, जो आगंतुकों को शहर की कालातीत सुंदरता से चकित कर देता है। Ramnagar Fort Museum की यात्रा एक यादगार अनुभव प्रदान करती है, जो मेहमानों को वाराणसी की समृद्ध विरासत और संस्कृति को जानने का मौका देती है।
विशेषता:
₹कीमत:
विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति (संग्रहालय) ₹150
संपर्क करें:
काम करने का समय:
TBR® का निरीक्षण रिपोर्ट:
BHARAT KALA BHAVAN
1920 से
हमारे विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
Bharat Kala Bhavan, जिसकी स्थापना मूल रूप से 1920 में गोदौलिया में भारत कला परिषद के रूप में की गई थी, भारत के इतिहास को प्रदर्शित करता है और इसके अतीत को संरक्षित करता है। संग्रहालय लगातार विकसित हुआ है और अब इसमें 100,000 से अधिक कलाकृतियाँ हैं। संग्रहालय में बौद्ध और हिंदू मूर्तियों, पांडुलिपियों, मुगल लघुचित्रों, चित्रों, ब्रोकेड वस्त्रों, समकालीन कला और पहली से 15वीं शताब्दी की कांस्य मूर्तियों सहित कलाकृतियों का संग्रह है। प्रवेश द्वार पर दो मंजिलों पर एक अस्थायी प्रदर्शनी स्थल है। Bharat Kala Bhavan में बनारस रेशम, कढ़ाई वाले कश्मीरी शॉल और दुर्लभ चंबा रूमाल सहित एक मूल्यवान वस्त्र संग्रह भी है। संग्रहालय आगंतुकों की सुविधा के लिए पार्किंग और लॉकर की सुविधा प्रदान करता है।
विशेषता:
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काम करने का समय:
रवि: बंद