“Dashashwamedh Ghat सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण घाटों में से एक है, जो गंगा नदी के तट पर प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है। वर्तमान घाट की स्थापना 1748 में पेशवा बालाजी बाजी राव ने की थी। 1774 में, Dashashwamedh Ghat का जीर्णोद्धार इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह घाट भगवान शिव को समर्पित पुजारियों के एक समूह द्वारा रात में की जाने वाली अग्नि पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का मुख्य आकर्षण शाम को होने वाली गंगा आरती है। Dashashwamedh Ghat लंबे समय से भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए एक धार्मिक स्थल रहा है, साथ ही पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य भी है। यह घाट स्थानीय लोगों और आगंतुकों के बीच समान रूप से प्रसिद्ध है, जो एक समृद्ध आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।”
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