“दक्षिणेश्वर काली मंदिर, हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है, यह सबसे प्रसिद्ध काली मंदिरों में से एक है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में बनी इसकी तीन मंजिला संरचना एक चमत्कार है। उस युग में जब भारत ब्रिटिश शासन से जूझ रहा था, जिस क्षेत्र में अब मंदिर है, उसी नदी के किनारे बैरकपुर के साहसी सैनिकों के बीच देशभक्ति की शुरुआती लहर देखी गई थी। इस भावना ने अंततः 1857 में सिपाही विद्रोह को जन्म दिया। 25 एकड़ भूमि में फैला यह मंदिर बंगालियों और भारत और दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों के लिए एक आध्यात्मिक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करता है। देवी काली को समर्पित केंद्रीय मंदिर एक आकर्षक आभा उत्सर्जित करता है जो भक्तों और पर्यटकों को दिव्य ऊर्जा से ओतप्रोत क्षेत्र में ले जाता है। यह मंदिर विशेष रूप से श्रद्धेय दार्शनिक श्री रामकृष्ण परमहंस से जुड़ा हुआ है, यह मंदिर क्लासिक बंगाली स्थापत्य शैली को दर्शाता है, जिसमें नवरात्रि और नौ शिखर हैं। यह सभी व्यक्तियों को प्रार्थनाओं और उनके जीवंत उत्सवों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है।
अद्वितीय तथ्य:
• ध्यान के लिए अच्छी जगह।”
और पढ़ें